सबका साथ, सबका विकास
नारा तो है खासम खास
सुनकर हम तो हुए खलास
रहते उनके पासम पास II
बन गए पहले प्रधान सेवक
जापान जाकर बजाया ढोलक
राग वहीँ आलापते रहे गायक
जन, गण, मन अधिनायक II
जापान से वो लाये बुलेट
सजाके हम को दे दी प्लेट
कहांसे लायें पावर-क्रेट?
बनाना है जो इंडिया ग्रेट II
जापान से जो हाथ मिलाया
चीन को कड़वा घूंट पिलाया
झी जिआंग ने भारत आकर
अपनाभी सौहार्द जताया II
अबकी बारी अमरीका की
न्यूयार्क के मेडिसन गार्डन की
राजदीप की पालित मिटटी
‘मोदी’ नारों ने कर दी छुट्टी II
चुनावी हार भी झेल रहे थे
पेट्रोल, डीजल उतर रहे थे
मूल्य रुपये का सम्हाल रहे थे
कोंग्रेसी न कुछ बोल पा रहे थे II
पहले अपना आंगन गूंजा
अमरीका भी खूब गूंजी
आँख का तारा सारे जग का
लाल हमारे तू ही बन जा II
सदभावनाएँ है साथ तुम्हारे
तन, मन, और धन भी प्यारे
बढे चला जा, बढे चला जा
देशोध्दार के पथ पर प्यारे II
प्रकाश पटवर्धन
आपणास वाचायला आवडेल.
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आजचा सुविचार
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