Comments

अभिव्यक्ती इंडिया या संकेत स्थळावर आपले सहर्ष स्वागत.

Wednesday, September 16, 2015

0 राज़ उल्फत का छुपाए जायेंगे !!

राज़ उल्फत का छुपाए जायेंगे 
हम उसी को आजमाए जायेंगे I 

क्या है हस्ती, मुस्कुराए जाएगें
दर्द को भी हम मिटाए जाएंगे, I 

डर के गर हम मौन सहते जाएंगे 
टूटकर एक दिन बिखरे जाएंगे I 

देश पर जां को लुटाते जाएगें 
नाम रोशन खास करते जाएंगे I 

व्यर्थ सब हम क्यों बटोरे जाएगे
क्या है जो हम संग लेके जाएगे I 

तोडकर सब बेडियां ये जाएगे
इक नया संसार वो दे जाएगे I 

मुफ्लिसी में यूं सताये जाएंगे
एसी कमरे में सुलाये जाए I  

ये हवस तू छोड मारे जाएंगे  
कर फकीरी, सब लुटाते जाएंगे I

-  प्रकाश पटवर्धन, पुणे. 

Wednesday, September 9, 2015

0 आप को जाना था...



आप को जाना था...
आपको जाना था तो हमको बता कर जाते
मन के मंदिर में छवि अपनी बसा कर जाते I

खा़ब आंखों में मेरे यूं न सजाकर जाते  
हर तरफ़ दिल के ये टुकड़े न गिरा कर जाते I 
*  
हाल दिल का न सनम हम से छुपाकर जाते
एक बस घाव जरा दिल पे लगाकर जाते I 

हमने इक उम्र गुज़ारी है वफ़ा पाने को,
जाते जाते ही सही यार वफ़ा कर जाते I 
*  
आप हम से तो भला आंख मिलाकर जाते
साकिया हम को जरा जाम पिलाकर जाते I 

याद आती है सदा दर्द बढा़ जाता है  
यूँ सताना था तो दिल को भी मिटा कर जाते I
                          -  प्रकाश पटवर्धन, पुणे.